शाजापुर। रोशनी का पर्व दीपावली जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और इस दिन मां लक्ष्मी के आगमन को लेकर महिलाओं और युवतियों ने घर एवं प्रतिष्ठानों की दहलीज को सतरंगी रंगों से सजाया। दीपोत्सव को लेकर अलसुबह से ही बाजार पूरी तरह से सजधज कर तैयार हो गया और मिठाई, पुष्पमाला, सजावटी सामान से लेकर इस साल धानी की दुकानें तक जल्दी ही खुल गईं। साथ ही युवा और बच्चों ने जमकर आतिशबाजी का लुत्फ उठाया। व्यापारियों ने शुभ मुहूर्त में अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर महालक्ष्मी की महापूजा कर सुख-वैभव एवं धन समृद्धि की कामना की। इसके बाद शुरु हुआ आतिशबाजी का दौर देररात तक चलता रहा। उल्लेखनीय है कि अल सुबह से शुरू हुआ उल्लास का पर्व दीपावली शाम होते-होते अपने पूरे शबाब पर जा पहुंचा और शुभ मुहूर्त में जहां व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर महालक्ष्मी की महा पूजा कर सुख-वैभव एवं धन समृद्धि की कामना की गई तो वहीं परम्परानुसार बड़ों के पांव छूकर आशीर्वाद लिया गया। गौरतलब है कि दीपोत्सव पर मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है और इसी मान्यता के चलते बाजार जल्दी ही खुल गए थे और दूसरी तरफ महिलाओं और युवतियों ने अपने हुनर को रंगोली के माध्यम से जमींन पर उकेरा। घरों के साथ-साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी सजावट कर रंगोली बनाई गई।
आतिशबाजी से रोशन हुआ आकाश
दीपावली पर्व पर लोगों ने शुभ मुहूर्त में स्वस्तिक और श्रीयंत्र के साथ महालक्ष्मी की पूजा की और अधिकांश लोगों ने परम्परानुसार गोधुली बेला में पूजन कर जमकर आतिशबाजी की। वहीं स्थानीय तालाब की पाल स्थित शहर के एक मात्र गजलक्ष्मी मंदिर में भी विशेष पूजा पाठ का दौर चलता रहा। महालक्ष्मी की महापूजा के बाद अंधेरी रात में रंग-बिरंगी रोशनी से आकाश सराबोर नजर आया और लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। महापर्व का इंतजार कर रहे बच्चों के साथ-साथ उम्र दराज लोगों ने भी उत्साह के साथ दीपावली का पर्व मनाया और इसीके चलते आकाश जहां पटाखों की रोशनी से नहाया हुआ था तो धरा पर घर आंगन में दीपमाला की रोशनी की छटा बिखरी रही।
गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिलाने की भावना से बनाई भव्य रंगोली
दीपावली पर्व पर गौरक्षा सेना गौसेवा समिति द्वारा गौ उपचार केंद्र कांजी हाउस परिसर में गौमाता की भव्य रंगोली बनाई गई। यह रंगोली गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिलाने की भावना से प्रेरित होकर बनाई गई। रंगोली के माध्यम से समाज में गौमाता के प्रति सम्मान, श्रद्धा और संरक्षण का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सदस्यों ने दीप जलाकर गौमाता के चरणों में पुष्प अर्पित किए और गौसेवा के संकल्प के साथ दीपावली का पर्व मनाया। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं, उनका संरक्षण और सम्मान हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
आतिशबाजी से रोशन हुआ आकाश
दीपावली पर्व पर लोगों ने शुभ मुहूर्त में स्वस्तिक और श्रीयंत्र के साथ महालक्ष्मी की पूजा की और अधिकांश लोगों ने परम्परानुसार गोधुली बेला में पूजन कर जमकर आतिशबाजी की। वहीं स्थानीय तालाब की पाल स्थित शहर के एक मात्र गजलक्ष्मी मंदिर में भी विशेष पूजा पाठ का दौर चलता रहा। महालक्ष्मी की महापूजा के बाद अंधेरी रात में रंग-बिरंगी रोशनी से आकाश सराबोर नजर आया और लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। महापर्व का इंतजार कर रहे बच्चों के साथ-साथ उम्र दराज लोगों ने भी उत्साह के साथ दीपावली का पर्व मनाया और इसीके चलते आकाश जहां पटाखों की रोशनी से नहाया हुआ था तो धरा पर घर आंगन में दीपमाला की रोशनी की छटा बिखरी रही।
गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिलाने की भावना से बनाई भव्य रंगोली
दीपावली पर्व पर गौरक्षा सेना गौसेवा समिति द्वारा गौ उपचार केंद्र कांजी हाउस परिसर में गौमाता की भव्य रंगोली बनाई गई। यह रंगोली गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिलाने की भावना से प्रेरित होकर बनाई गई। रंगोली के माध्यम से समाज में गौमाता के प्रति सम्मान, श्रद्धा और संरक्षण का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सदस्यों ने दीप जलाकर गौमाता के चरणों में पुष्प अर्पित किए और गौसेवा के संकल्प के साथ दीपावली का पर्व मनाया। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं, उनका संरक्षण और सम्मान हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
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