शनिवार, 6 दिसंबर 2025

कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों की पढ़ाई का हिसाब-किताब, बीआरसीसी ने बैठक लेकर दिए आवश्यक निर्देश

शाजापुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नौनिहालों की नींव मजबूत करने के लिए चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी मिशन अंकुर अभियान को लेकर शिक्षा विभाग अब पूरी तरह एक्शन मोड में है। इसी कड़ी में शुक्रवार को शहर के सोमवारिया स्थित महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक वृहद समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में स्पष्ट किया गया कि बच्चों के बुनियादी शिक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बीआरसीसी योगेश भावसार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जनशिक्षा केंद्र क्रमांक-2 एवं एमएलबी क्लस्टर के अंतर्गत आने वाले शासकीय विद्यालयों के 55 शिक्षकों ने सहभागिता की। यह सभी शिक्षक कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को एफएलएन (बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान) के तहत अध्यापन कराते हैं। बैठक केवल औपचारिक नहीं रही, बल्कि इसमें डेटा आधारित समीक्षा पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने प्रत्येक विद्यालय के शैक्षणिक ट्रैकर की बारीकी से जांच की। ट्रैकर में दर्ज आंकड़ों के आधार पर यह देखा गया कि कितने बच्चे शब्द पढ़ पा रहे हैं और कितने बच्चे गणितीय संक्रियाओं में दक्ष हैं। समीक्षा के दौरान जिन विद्यालयों के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं पाए गए, वहां के शिक्षकों को बीआरसीसी ने शिक्षण पद्धति में तत्काल सुधार लाने और कमजोर बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने के आवश्यक निर्देश दिए।
विशेषज्ञों ने दिए टिप्स, कैसे रोचक बनाएं पढ़ाई
बैठक के दौरान आ रही चुनौतियों के समाधान पर भी चर्चा हुई। बीएसी देवेंद्र पाठक और जगदीश भावसार ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन अंकुर का उद्देश्य रटाना नहीं, बल्कि बच्चों में समझ विकसित करना है। उन्होंने खेल-खेल में शिक्षा और टीएलएम के प्रभावी उपयोग के गुर सिखाए। समन्वय और संचालन करते हुए विकासखंड साक्षरता समन्वयक लोकेश राठौर ने कहा कि सभी शिक्षकों के सामूहिक प्रयास से ही शाजापुर ब्लॉक निपुण भारत के लक्ष्यों को हासिल कर पाएगा। वहीं जनशिक्षक गोपाल कुंभकार और कमलेश कारपेंटर ने मैदानी स्तर की वस्तुस्थिति रखते हुए बताया कि नियमित मॉनिटरिंग से स्कूलों की दशा में सुधार आ रहा है। उन्होंने शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समय सीमा में पूर्ण करें। बैठक में उपस्थित सभी 55 शिक्षकों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें