गुरुवार, 8 मार्च 2018

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों और आशा, उषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से प्रभावित होगा पल्स पोलियो अभियान अभियान के सफल संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के छूट रहे पसीने





शाजापुर। आगामी पल्स पोलियो अभियान के सफल संचालन की चिंता को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं, क्योंकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पहले से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और अब वहीं अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर आशा, उषा और आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं ने भी आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। गुरुवार दोपहर को सभी कार्यकर्ता स्थानीय राजराजेश्वरी माता मंदिर परिसर में जमा हुईं और धरना देकर सात दिनों तक स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यों का बहिष्कार करने की शपथ ली। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीएल सोढ़ी को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि सरकार ने 27 फरवरी को बजट पेश किया था, लेकिन इस बजट में आशा, उषा और आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं के मानदेय को लेकर कोई प्रावधान नही किया गया जबकि कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं। ज्ञापन में मांग की गई कि आशा, उषा और आशा सहयोगी को नियमित किया जाए, मानदेय की राशि 18 हजार रुपए प्रतिमाह की जाए, अस्पताल में कार्यकर्ताओं का अपमान किया जाता है, इसे सख्ती से रोका जाए ताकि कार्यकर्ता सम्मानपूर्वक कार्य कर सकें, कार्यकर्ताओं को दैनिक भत्ता दिया जाए, गर्भवती को अस्पताल ले जाने के दौरान कार्यकर्ताओं को अस्पताल में ही रात गुजारनी पड़ती है इसलिए उनके लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था की जाए, कार्यकर्ताओं का बीमा किया जाए, कागजी कार्रवाई कम से कम की जाए, आशा सहयोगी को सुपरवाईजर का दर्जा दिया जाए। भारती जाटव ने बताया कि छह सूत्रीय मांगों को लेकर सात दिवसीय हड़ताल शुरू की गई है जिसके चलते इस बार 11 तारीख को होने वाले पल्स पोलियो अभियान में कोई भी कार्यकर्ता कार्य करने हेतु शामिल नही होगी। मांगें पूरी नही होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में आशा, उषा और आशा सहयोगी उपस्थित थीं।
थाली बजाकर किया प्रदर्शन
सरकार के खिलाफ और अपनी मांगों के समर्थन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गुरुवार को थाली बजाकर प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी प्रांतीय आह्वान पर अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी असर पड़ रहा है। हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि वे विगत 15 वर्षों से अल्पवेतन में संविदा पर काम कर रहे हैं लेकिन सरकार उन्हे नियमित नही कर रही है, जब तक मांग पूरी नही होगी तब तक प्रदर्शन भी जारी रहेगा।
पल्स पोलियो अभियान को लेकर छूट रहे पसीने
गौरतलब है कि आगामी 11 मार्च को जिलेभर में पल्स पोलियो अभियान चलाया जाना है, ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ ही अब आशा, उषा और आशा सहयोगी के भी हड़ताल पर चले जाने की वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पल्स पोलियो अभियान के सफल संचालन की चिंता को लेकर पसीने छूटने लगे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सोढ़ी ने बताया कि आशा, उषा और आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं की पल्स पोलियो अभियान को लेकर काफी मनुहार की गई, लेकिन उन्होने बात नही मानी। अभियान के दौरान बच्चों को पोलियो रोधी खुराक पिलाई जा सके इसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं के पतियों का सहयोग लिए जाने की रणनीति बनाई गई है। साथ ही एक वर्ष पूर्व विभाग से सेवा निवृत्त हो चुके कर्मचारियों को भी बूथ लेवल पर दवाई पिलाने के लिए तैनात किया जाएगा। डॉ. सोढ़ी ने बताया कि बिना अनुभव वाले लोगों को दवाई पिलाने का पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके बाद उन्हे बूथ लेवल पर पहुंचाया जाएगा।

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