शाजापुर। तोड़ के हर पिंजरा जाने कब में उड़ जाऊंगी, चाहे लाख बिछा लो बंदिशे फिर भी दूर आसमान में अपनी जगह बनाऊंगी...। बेटियों के हौंसले को जज्बात के रूप में बयां करती किसी शायर की यह शायरी जिले में चरितार्थ नजर आती है, क्योंकि यहां बेटियां राजनीतिक और प्रशासनिक सेवा में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जिले में पदस्थ यह बेटियां अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई हैं। गौरतलब है कि शाजापुर जिले में अपर कलेक्टर के पद पर मीनाक्षीसिंह पदस्थ रहकर पुरूष अधिकारियों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर कार्य कर रही हैं।
वहीं नगरपालिका अध्यक्ष के रूप में श्रीमती शीतल भट्ट शहर में विकास को लेकर प्रयत्नशील हैं।
इसी तरह पुलिस विभाग में नजर डालें तो यहां एएसपी के महत्वपूर्ण पद पर रहकर श्रीमती ज्योति ठाकुर कानून व्यवस्था को बनाए हुए हैं।
साथ ही जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुश्री नीलम चौहान हैं और वे भी बेटियों को सशक्त और मजबूत करने के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम करती नजर आ रही हैं। इसीके साथ जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में वंदना मेहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष कलाबाई कुंडला, जनपद पंचायत शाजापुर में कार्यपालन अधिकारी सुश्री पूजा मालाकार, आदिम जाति कल्याण विभाग जिला संयोजिक सुश्री नेहा मेहरा सहित मोहन बड़ोदिया जनपद, कालापीपल जनपद पंचायत सहित अन्य विभागों में महिलाएं ही अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए महिला सशक्तिकरण की इबारत लिख रही हैं। महिला अधिकारियों का कहना है कि उन्हे इस मुकाम तक पहुंचने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन घर परिवार के सहयोग के चलते वे आज सफल हैं। उन्होने जिले के लोगों से बेटियों को पढ़ाने और बढ़ाने का आह्वान किया।
हर क्षेत्र में बाजी मार रही हैं बेटियां
गौरतलब है कि बेटियां हर क्षेत्र में बाजी मार रही हैं। यही कारण है कि विभिन्न परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। किसी समय इन्हें कमजोर समझा जाता था, परंतु इन्होंने अपनी मेहनत और मेधा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर ली है और हर वर्ग इनकी प्रतिभा का लोहा मान रहा है।




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