शाजापुर। रहमतों और बरकतों के महीने माहे रमजान की विदाई की घड़ी नजदीक आ चली है और मुस्लिम समाज के लोगों की आंखें माहे मुबारक की विदाई को लेकर नम दिखाई दे रही हैं। मस्जिदों और घरों में तरावीह की विशेष नमाज अदा किए जाने के साथ ही तिलावते कुरआनी भी की जा रही है। वहीं शनिवार को माहे मुबारक की सबसे बड़ी रात शबे कद्र रही जिस पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने पूरी रात जागकर अपने परवरदिगार को राजी करने के लिए नमाज और कुरआन की तिलावत की। उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को पहले रोजे के साथ पवित्र माह रमजान की शुरूआत हो गई थी और इसके बाद से मुस्लिम समाज के लोग अपने रब की इबादत में जुटे हुए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के जिलाध्यक्ष सज्जादअहमद कुरैशी ने बताया कि माहे रमजान में ही 27वीं शब को पवित्र कुरआन नाजिल हुआ था। इस्लामी मान्यतानुसार 23 बरस में कुरआन के पूरे 30 पारे इसी रात में मुकम्मल हुए और इस रात को शबे कद्र की रात कहा गया और इस रात में की गई इबादत हजार रातों की इबादत से अफजल है। कुरैशी ने बताया कि मस्जिदों में पढ़ाई जा रही तरावीह की विशेष नमाज में शबेकद्र की रात को पूरा कुरआन मुकम्मल होने पर फातेहा पढ़ी गई और तबर्रूक का वितरण किया गया।
उलेमाओं का हुआ सम्मान
माहे मुबारक रमजान में जिलेभर की समस्त मस्जिदों में तरावीह की विशेष पढ़ाई जा रही है। शनिवार को शबे कद्र पर मस्जिदों में कुरआन पूरा हुआ जिस पर समाज के लोगों ने हाफिज और उलेमाओं का साफा बांधकर एवं पुष्पमाला पहनाकर सम्मान किया। शहर के महूपुरा स्थित शाही फतेह मस्जिद में भी उलेमाओं का सम्मान कर उन्हे नजराना पेश किया गया। इस मौके पर लड्डू और अजवाईन का तबर्रूक बांटा गया। साथ ही पोहा और शरबत वितरण का दौर रातभर जारी रहा। इस अवसर पर मस्जिद सदर सरदार मूसा आजम खान, शेर खां, हाजी शमसुद्दीन सेठ, हाशिम खान, जूबेर खान, काले खां, जब्बार खां, युनूस भुट्टो, खन्ना खान, मो. साजिद कुरैशी पत्रकार, आला पटेल, शेख मुख्तार, शेख मुनव्वर, तय्यब खान सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे।
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