सोमवार, 7 जुलाई 2025

किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ की मासिक बैठक सम्पन्न

शाजापुर। भारतीय किसान संघ तहसील शाजापुर के तत्वावधान में किसानों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर मासिक बैठक का आयोजन सोमवार को किसान भवन शाजापुर में किया गया। बैठक की शुरुआत ध्वजारोहण, माल्यार्पण एवं बलराम जी की पूजन-अर्चना के साथ जयघोष करते हुए की गई। बैठक में प्रमुख रूप से जिला मंत्री मुकेश पाटीदार, जिला कोषाध्यक्ष ललित नगर, तहसील अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार मौजूद रहे। बैठक में किसानों की प्रमुख समस्याओं पर गंभीर मंथन हुआ। सबसे पहले खरीफ 2025-26 में वितरित अमानक बीज का मुद्दा उठाया गया। किसानों को कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा आरवीएस-24 सोयाबीन बीज (75 किलो प्रति किसान) वितरित किया गया, जो अमानक निकला। किसानों द्वारा इसकी बुवाई की गई लेकिन बीज अंकुरित नहीं हुआ, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। लंबे समय से नमी रहने के बावजूद डबल बुवाई के बाद भी पुनः बीज डालना संभव नहीं हो सका। इस स्थिति को देखते हुए प्रति हेक्टेयर 75,000 का मुआवजा देने की मांग की गई है। साथ ही अमानक बीज देने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। दूसरे मुद्दे के रूप में बताया गया कि शाजापुर जिला उत्पादन के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है, लेकिन जंगली जानवरों (हिरण, सूअर, नीलगाय आदि) की बढ़ती संख्या ने किसानों को मक्का, ज्वार, मूंगफली जैसी प्रमुख फसलें छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। किसानों ने ब्लॉक स्तर पर तार फेंसिंग या बाउंड्री वॉल योजना लागू कर 80 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की मांग की, ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके और खेत के झगड़े भी समाप्त हों। तीसरे प्रमुख मुद्दे के रूप में खाद की भारी किल्लत पर चिंता जताई गई। किसानों ने बताया कि डीएपी, एमओपी व अन्य खादों की भारी कमी के कारण कई किसानों को बगैर खाद के बुवाई करनी पड़ी। अग्रिम भंडारण के बावजूद खाद उपलब्ध नहीं हो रही। संगठन ने मांग की कि जिले में खाद आपूर्ति में तत्काल सुधार लाया जाए अन्यथा आने वाले समय में सरकार को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। चौथे विषय में नकली खाद और बीज का मुद्दा उठाया गया। किसानों को प्रमाणिकता की जांच न होने के कारण फसल में उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। नकली उत्पाद बेचने वाली दुकानों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई एवं कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड कर सार्वजनिक किए जाने की बात कही गई, ताकि किसान ठगी का शिकार न हो। इस दौरान भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का समय रहते निराकरण नहीं हुआ तो आने वाले समय में आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे। बैठक में प्रमुख रूप से ज्ञान सिंह गुर्जर, नरेंद्र पाटीदार, दिनेश मंडलोई, राजेश मंडलोई, गजराज सिंह राजपूत, देवनारायण घरवाले, दिनेश पतंजलि, नगर अध्यक्ष जितेंद्र पाटीदार सहित कई कार्यकर्ता एवं किसान उपस्थित थे।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें