शाजापुर। प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दरसिंह परमार ने रविवार को शुजालपुर स्थित मां शारदा सांदीपनि विद्यालय में, युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ किए गए रिश्ता, योजना के पोस्टर का विमोचन किया। इस मौके पर तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि रिश्ता योजना न केवल युवाओं के कौशल को निखारने का माध्यम है, बल्कि प्रदेश एवं देश की अवसंरचना विकास यात्रा में उनके योगदान को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। यह योजना, इंडस्ट्री रेडी दक्ष एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करेगी। उन्होने कहा कि योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगारपरक और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। “रिश्ता” योजना का पूरा नाम, रिक्रूटिंग इंडस्ट्रीज सपोर्टिंग हॉलिस्टिक ट्रेनिंग विथ एलाइनमेंट है। यह योजना, युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके अंतर्गत सिविल इंजीनियरिंग छात्रों हेतु सर्वेइंग एवं क्वॉलिटी एश्योरेंस, क्वॉलिटी कंट्रोल जैसे पाठ्यक्रम और मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए कंस्ट्रक्शन मैकेनिकल स्किल्स पर केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक पाठ्यक्रम की अवधि 225 घंटे (75 दिन) होगी तथा कक्षाएं शाम के समय आयोजित की जाएंगी, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इसमें सम्मिलित हो सकें। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्हें उद्योग में इंटर्नशिप, प्रायोगिक अनुभव और 50 प्रतिशत से अधिक प्लेसमेंट सहायता भी उपलब्ध होगी।
रिश्ता योजना की मुख्य बातें, लाभ एवं प्रभाव
रिश्ता योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को तकनीकी, व्यावसायिक और उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकारी योजनाओं से जोड़ने की व्यवस्था रहती है। विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल लैब्स के अवसर मिलते हैं, ताकि वे केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकें। योजना में विशेष ध्यान ग्रामीण एवं वंचित वर्गों पर भी दिया गया है जिससे उन्हें भी समान अवसर मिल सकें। इस योजना में विद्यार्थियों एवं युवाओं को, निःशुल्क या कम शुल्क पर प्रशिक्षण, प्रमाणपत्र और रोजगार के अवसर मिलते हैं। शैक्षणिक संस्थानों का, उद्योगों से जुड़ाव बढ़ता है और विद्यार्थियों की प्लेसमेंट दर सुधरती है। उद्योग जगत को, प्रशिक्षित एवं दक्ष मानव संसाधन मिलता है। बेरोजगारी घटती है और आर्थिक प्रगति होती है, इससे समाज एवं देश को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है। “रिश्ता योजना” का लाभ मुख्य रूप से युवाओं को है, लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव उद्योग, शिक्षा संस्थान और पूरे समाज पर पड़ता है। इस अवसर पर एसजीएसआईटीएस इंदौर के निदेशक डॉ नितेश पुरोहित, आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर डॉ संतोष विश्वकर्मा, होलकर साइंस कॉलेज इंदौर के एचओडी डॉ प्रदीप शर्मा, जवाहरलाल नेहरू स्मृति शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय शुजालपुर के प्राचार्य डॉ राजेश शर्मा, मां शारदा सांदीपनि विद्यालय शुजालपुर के प्राचार्य डॉ रजनीश त्रिवेदी, डॉ शिवपाल मेवाड़ा सहित विभिन्न प्रशिक्षक, शिक्षक, विद्यार्थी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें