शुक्रवार, 26 सितंबर 2025

पोलायकलां और पिपलरावां औद्योगिक क्षेत्र जुड़ेगा इंदौर-भोपाल हाईवे सेउज्जैन रीजन में औद्योगिक क्रांति का एक और नया कदम, फोरलेन सड़क और 220 केवीए सबस्टेशन से मिलेगा नया आयाम

शाजापुर। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन और इसके आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए शाजापुर जिले के पोलायकलां और देवास जिले के पिपलरावा में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं की प्लानिंग की है। इन क्षेत्रों को इंदौर-भोपाल राजमार्ग से जोड़ने के लिए फोर-लेन सड़क का निर्माण और 220 केवीए विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की जाएगी। ये परियोजनाएं उज्जैन को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने, निवेश को आकर्षित करने और हजारों रोजगार सृजित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। शाजापुर और देवास जिलों में सम्मिलित रूप से प्रस्तावित पोलायकलां-पिपलरावां औद्योगिक क्षेत्र के लिए एमपीआईडीसी को जमीन मिल चुकी है और वहां विकास कार्य जल्द ही शुरू होने वाले हैं, ऐसे में फोर-लेन सड़क का निर्माण औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह सड़क इंदौर-भोपाल हाईवे को पोलायकलां व पिपलरावा के माध्यम से जोड़ेगी, जिससे माल परिवहन और लॉजिस्टिक्स में सुगमता आएगी। यह सड़क समतल और गैर-कृषि भूमि को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाएगी। यह न केवल उद्योगों के लिए कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही को आसान बनाएगी, बल्कि उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। इस सड़क से परिवहन लागत में कमी आएगी और औद्योगिक इकाइयों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए दूसरा महती प्रोजेक्ट 220 केवीए विद्युत उपकेंद्र की स्थापना है, जो पोलायकलां और पिपलरावां औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। यह उपकेंद्र उच्च बिजली खपत वाले उद्योगों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया जाएगा। यह न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि इसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता को भी सुनिश्चित करेगा, जो औद्योगिक संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह उपकेंद्र क्षेत्र के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और निवेशकों के लिए उज्जैन को आकर्षक गंतव्य बनाएगा। बता दें कि इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए कुल 476.94 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिसमें शाजापुर में 327.6 हेक्टेयर (पोलायकलान, मोरटकेवाड़ी, खड़ी, टांडाखुर्द) और देवास में 149.31 हेक्टेयर (पिपलरावां, निपानिया हुरहुर, घिचलाय) शामिल हैं। अनुमान है कि ये औद्योगिक क्षेत्र 10 हजार से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेंगे, जिससे उज्जैन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
सीएम का विजन, उज्जैन बने आर्थिक शक्ति केंद्र
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की औद्योगिक नीतियां मध्य प्रदेश, विशेषकर उज्जैन को निवेश और रोजगार का प्रमुख केंद्र बनाने पर केंद्रित हैं। उनकी ‘मध्य प्रदेश औद्योगिक नीति 2025’ सिंगल-विंडो क्लियरेंस, सब्सिडी और मजबूत बुनियादी ढांचे पर जोर देती है। डॉ. यादव का विजन ‘हर जिले में एक औद्योगिक क्लस्टर’ की अवधारणा को साकार करना है, जिससे ग्रामीण युवाओं को स्थानीय रोजगार मिले और पलायन रुके। उनकी नीतियां पर्यावरण-अनुकूल उद्योगों, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और हाई-टेक सेक्टर, को प्रोत्साहित करती हैं। इस परियोजना के माध्यम से शाजापुर और देवास जिले को औद्योगिक विस्तार मिलेगा, साथ ही छोटे जिलों में औद्योगिक सिटी की संकल्पना भी साकार होगी। कार्यकारी निदेशक-एमपीआईडीसी उज्जैन राजेश राठौड़ ने बताया कि पोलायकलां और पिपलरावां औद्योगिक क्षेत्रों के लिए फोर-लेन सड़क बनेगी और 220 केवीए सबस्टेशन बनेगा। इससे उज्जैन क्षेत्र को औद्योगिक विकास का नया दर्जा मिलेगा। यह सड़क उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाएगी, जबकि सबस्टेशन निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

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