शाजापुर। नाग पंचमी का त्योहार शुक्रवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन सुबह सवेरे घरों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की और इसके बाद नाग मंदिरों में जाकर मत्था टेका। वहीं इस बार वन विभाग की कार्रवाई के भय से सपेरों ने नाग के फोटों की घर-घर जाकर पूजा करवाई। हालांकि कुछेक सपेरे अपनी पिटारी में सांप लेकर पहुंचे तो थे, लेकिन इनके कब्जे से विभाग की टीम ने सांपों को आजाद कराते हुए जंगल में छोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष भी नाग पंचमी का पर्व नाग मंदिरों में पूजन कर उत्साहपूर्वक मनाया गया और इसीके चलते नागपंचमी पर शहर के नाग मंदिरों के साथ ही शिव मंदिरों में भी भक्तों का पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा। नाग मंदिरों में सुबह सुबह नाग देवता को दूध पिलाया गया और शिव मंदिरों में भोले बाबा का जलाभिषेक किया गया। नगर के गायत्री मंदिर स्थित देवनारायण मंदिर, बादशाही पुल स्थित नाग मंदिर, बेरछा रोड स्थित नाग चबूतरा, नागनागिनी रोड सहित अन्य नाग मंदिरों में दिनभर पूजा-पाठ का दौर चलता रहा। महिलाओं ने दही, दुर्वा, अक्षत, पुष्प, मोदक आदि से नाग देवता की पूजा-अर्चना की।
3 सांपों को कराया आजाद
पौराणिक मान्यताओं के चलते नाग पंचमी पर नाग पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन नागदेवता की पूजा करने से सुख और समृद्धि आती है। इन्ही मान्यताओं के चलते शहर के नाग मंदिरों में पूजा के लिए भक्तों का तांता लगा रहा है। वहीं इस वर्ष वन विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए सपेरे अपनी पिटारी में नाग देवता की फोटो लेकर गली-गली घूमे और महिलाओं ने नाग पूजा कर चढ़ावा चढ़ाया। हालांकि कुछ सपेरे चोरी छिपे ढंग से सांप लेकर शहर में घूम रहे थे, जिनके कब्जे से वन विभाग की टीम ने तीन सांप आजाद कराए। वन विभाग की टीम ने पिटारी की कैद से निकाले गए सांपों को जंगल में छोड़ा। सपेरों से सांप को आजाद कराने में डिप्टी रेंजर अशोकसिंह बघेल, नवनीत चौहान, वन रक्षक सीताराम तिवारी, कमलेश सोनी, रेस्क्यू सहायक आनंद भावसार, रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल की सराहनीय भूमिका रही।
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