सोमवार, 31 जुलाई 2017

महादेव के दो स्वरूप पहुंचे भक्तों के द्वार, शिवालयों में गूंजी शिव की धून




शाजापुर। सावन मास के चौथे सोमवार को महादेव के दो स्वरूप दर्शन देने के लिए भक्तों के द्वार पहुंचे। वहीं अल सुबह से लेकर शाम तक शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजन कर मान-मनुहार की गई। दूध-दही, शहद, जल से बाबा का अभिषेक कर बील पत्र चढ़ाकर सुख-समृद्धि की कामना की गई। साथ ही शाम को भक्तों द्वारा बाबा का मनोहारी श्रंगार किया गया। धान मंडी के समीप विराजमान बाबा ओंकारेश्वर शाम लगभग 6 बजे भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। वहीं तालाब के किनारे स्थित जयेश्वर महादेव शाही ठाठ-बाट से भक्तों के दर्शन देकर धन्य करने निकले। सवारी में बैंडबाजों की धून पर थिरकते भक्तों के जत्थे के साथ पालकी में सवार भोले बाबा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत करने के साथ ही पूजा की गई। धान मंडी मंदिर परिसर से आरंभ हुई ओंकारेश्वर महादेव की सवारी नगर के वजीरपुरा, लालपुरा, मगरिया सहित प्रमुख मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर पहुंची। उल्लेखनीय है कि सोमवार को नगर के समस्त शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गई थी जो देरशाम तक बनी रही। भक्तों द्वारा भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक किया गया अरैी शाम को बाबा का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया जो भक्तों में आकर्षण का केंद्र बना रहा।
शाही अंदाज में निकले जयेश्वर महादेव
सावन के चौथे सोमवार को बाबा जयेश्वर महादेव शाही अंदाज में निकले और भक्तों को दर्शन दिए। बाबा की शाही सवारी में प्रसिद्ध बैंड, मनमोहक झांकियों के साथ किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भी शामिल हुईं। शाम करीब 6 बजे तालाब की पाल पर विराजमान जयेश्वर महादेव की शाही सवारी की शुरूआत कलेक्टर श्रीमती अलका श्रीवास्तव, विधायक अरूण भीमावद द्वारा विशेष पूजा-आरती के साथ की गई। इसके बाद बाबा की सवारी कसेरा बाजार, आजाद चौक, नईसडक़, टॉकीज चौराहा, टेंशन चौराहा, काछीवाड़ा, मगरिया, सोमवारिया बाजार पहुंची जहां भक्तों ने पूजा-अर्चना की। शाही सवारी में मुख्य रूप से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी शामिल हुईं। साथ ही महाराष्ट्र से आए प्रसिद्ध जनता ब्रास बैंड द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।
झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र
नगर से निकली जयेश्वर महादेव की शाही सवारी में बैंडबाजोंं के साथ ही रावण द्वारा शिव पूजा और भगवान शंकर के अर्धनारीश्वर स्वरूप के चित्रण वाली झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। जयेश्वर महादेव की सवारी में शामिल झांकियां उज्जैन की झांकी निर्माता कंपनी के सदस्यों द्वारा सजाई गई थीं। इसीके साथ ही ओंकारेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव और मंगलनाथ महादेव का भक्तों द्वारा भात और भांग से मनोहारी श्रंगार किया गया।

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