शाजापुर। पार्टी संगठन चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में गुटबाजी के चलते खेमे में बंटे कांग्रेसियों के बीच जमकर लात-घूंसे चले और वरिष्ठ नेताओं की समझाईश के बाद भी कार्यकर्ता शांत नही हुए जिसके चलते बैठक के समापन तक हंगामा चलता रहा। गौरतलब है कि कांग्रेस कमेटी के जिला संगठन को लेकर चुनाव होने हैं, जिसको लेकर बुधवार को स्थानीय नगरपालिका परिसर स्थित मांगलिक भवन में बैठक का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के लिए दिल्ली से आए पार्टी डीआरओ सोलंकी बैठक में पहुंचे। लेकिन गुटबाजी के चलते बैठक में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल हुआ यूं कि बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामवीरसिंह सिकरवार, सज्जनसिंह वर्मा और उनके समर्थक पहले से ही जा पहुंचे थे। वहीं जब पूर्व विधायक हुकुमसिंह कराड़ा बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे तो गुटबाजी के चलते उन्हे मांगलिक भवन में प्रवेश करने के लिए करीब आधा घंटे तक बाहर ही इंतजार करना पड़ा। इसी दौरान कक्ष के अंदर बैठे सिकरवार समर्थकों ने सिकरवार जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिसके बाद कराड़ा समर्थकों ने भी नारेबाजी की। काफी देर तक चली नारेबाजी के बाद हुकूमसिंह कराड़ा और उनके समर्थकों को कार्यक्रम स्थल में प्रवेश दिया गया। लेकिन यहां गुटबाजी के चलते सिकरवार और कराड़ा के समर्थक आपस में भिड़ गए और उन्होने एक-दूसरे की लात-घूंसों से जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद कुछ देर के लिए मामला शांत हुआ, लेकिन मंच से उद्बोधन देने के नाम पर फिर विवाद हुआ और कांग्रेसी एकबार फिर आमने-सामने हो गए और यह स्थिति बैठक के समापन तक बारबार बनती और बिगड़ती रही।
वरिष्ठों की समझाईश भी नही आई काम
मांगलिक भवन में आयोजित बैठक में कांग्रेस के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इस दौरान पार्टी के पर्यवेक्षक सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार है और परिवार के लोग आपस में ही इस तरह लड़ाई करेंगे तो विपक्ष का सामना कैसे किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि कार्यकर्ताओं की बात को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के समक्ष पहुंचाया जाएगा, परंतु इस तरह आपस में विवाद कर पार्टी और स्वयं की प्रतिष्ठा को कार्यकर्ता धूमिल नही करें। उन्होने कहा कि यदि जोश और उत्साह दिखाना है तो भाजपा के खिलाफ दिखाओ और एकजुट होकर भाजपा के नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करो। वहीं कराड़ा और सिकरवार ने कहा कि कार्यकर्ता आपस में झगड़ कर कांग्रेस परिवार का नाम खराब नही करें, ऐसा करने से पार्टी की प्रतिष्ठा खराब होती है। लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच वरिष्ठ नेताओं की इस समझाईश ने गुटबाजी के चलते दम तोड़ दिया और बैठक में बारबार हंगामा होता रहा।
कप्तान समर्थकों ने भी की नारेबाजी
बैठक के दौरान दूसरे गुट के समर्थकों ने सज्जन वर्मा के भाषण नही कराए जाने की बात कही, जिस पर युकां प्रदेश प्रवक्ता नरेश कप्ता ने सभी को फटकारते हुए कहा कि वर्मा हमारे वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए उनके भाषण नही तो फिर किसी भाषण नही होंगे। इस दौरान कप्तान के समर्थकों ने भी जमकर नारेबाजी। वहीं बैठक के दौरान डीआरओ सोलंकी और कप्तान के बीच तूतू-मैंमैं भी हुई। लेकिन बाद में डीआरओ ने अपनी गलती पर खेद जताया, इसके बाद वर्मा के भाषण कराए गए। बैठक समापन के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गुटबाजी को सिरे से नकारते हुए कहा कि सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी एकजुट हैं।
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