शाजापुर। विश्व बंधुत्व की भावना के बिना संगठनात्मक ताकत अधूरी है। हमारा देश लम्बे समय तक गुलामों की जंजीरों में इस कारण जकड़ा रहा, क्योंकि देशवासियों में संगठनात्मक शक्ति का अभाव था। धर्म, जाति, ऊंच-नीच की भावना और साम्प्रदायिक सद्भाव को नष्ट कर हमें सदियों तक गुलाम बनाकर रखा गया, लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपनी संगठनात्मक शक्ति का परिचय देते हुए देश में एकता, भाईचारा और सद्भाव की भावना कायम करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दें। हमारा आदर्श सूरज होना चाहिए, क्योंकि बुझ जाए हवा में कौन नमन करता उनको, सूरज को सम्मान मिला है जलते रहने का। यदि सपाक्स संगठन भी सूर्य को आदर्श बनाते हुए देश को एकता के सूत्र में बांधे तो देश का सर्वांगीण विकास हो सकता है। शासकीय नौकरियों में जातिगत आधार पर आरक्षण के कारण युवा प्रतिभाओं का गला घोटा जा रहा है और पदोन्नति में भी आरक्षण देकर ऐसी व्यवस्था लागू की जा रही है जो समाज के बहुत बड़े वर्ग में निराशा की भावना पैदा कर रही है।
यह बातें पूर्व कलेक्टर राजीव शर्मा ने रविवार को सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संस्था सपाक्स और सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था के तत्वावधान में एबी रोड स्थित एक निजी गार्डन में आयोजित जिला सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं सपाक्स के प्रांतीय संरक्षक श्री शर्मा ने कहा कि यह समय धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय की भावना से ऊपर उठने का है। शासकीय नौकरियों में आरक्षण और फिर पदौन्नति में भी आरक्षण देकर योग्यता को दर किनार किया जा रहा है, यदि सपाक्स संगठन को मजबूत बनाना है तो समाज के सभी वर्गों को इसमें शामिल करना होगा। देश के संविधान में प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता और प्रगति की गारंटी दी गई है, परंतु आज इस अधिकार का हनन हो रहा है। उन्होने कहा कि हमें अखंड भारत का सपना देखना चाहिए, यदि समाज समृद्ध होगा तो निश्चित रूप से प्रदेश ही नहीं वरन् देश में भी समृद्धि आएगी। श्री शर्मा ने जर्मनी के विभाजन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस देश में दो टुकड़े कर बीच में लोहे की मजबूत दीवार बना दी गई थी, लेकिन पश्चिम जर्मनी ने वैज्ञानिक प्रगति करते हुए इस दीवार को तोड़ दिया। ठीक इसी तरह सपाक्स संगठन को भी चाहिए कि वर्ग भेद की दीवार को ढहाने का प्रयत्न करे। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यदि सपाक्स संगठन मजबूत होगा तो आगे चलकर अजाक्स जैसे अनेक संगठन भी इसमें शामिल हो सकते हैं। हम लोगों को बिखेरने और बांटने के लिए नहीं वरन् जोडऩे के लिए निकले हैं। श्री शर्मा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यदि सपाक्स संगठन मजबूत हुआ तो आगे चलकर हो सकता है कई लोगों को ईष्र्या होगी और उनके पेट में मरोड़ उठने लगेगा, ऐसे लोग षणयंत्र के जरिए संगठन को कमजोर करने की कोशिश भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में हमें चाहिए कि ऐसे षणयंत्रकारी लोगों से भयभीत नहीं हों। जातिगत आधार पर किसी को भी अपमानित करने का हमें अधिकार नहीं है, सपाक्स संगठन के माध्यम से जाति और धर्म की दीवार को हमें तोडऩा होगा। श्री शर्मा ने जंगल के राजा शेर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह जंगल में चलता है तो छोटे-मोटे परिंदे सहित अन्य जंगली जानवरों में दहशत फैल जाती है और वन प्रांत में भूकम्प जैसा आ जाता है। शेर जैसी यही स्थिति सपाक्स संगठन की होना चाहिए और जब यह पूरी ताकत के साथ खड़ा हो तो वह प्रदेश ही नहीं वरन् देश में भी पहचाना जाए। राजनैतिक दलों को सिर्फ वोट की राजनीति समझ में आती है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने कहा है कि बैर को प्रेम से जीता जाना चाहिए। इसी आदर्श को यदि सपाक्स संगठन भी अपनाए तो आपसी सदभाव और भाईचारे के जरिए हम जिले ही नहीं वरन् प्रदेश के लाखों लोगों को इस संगठन में शामिल कर सकते हैं। उन्होंने भरे हुए कंठ से कहा कि मेरे बारे में कहा जाता है कि मैंने कलेक्टर के रूप में जिले में राज किया, लेकिन यह अतिश्योक्ति है, वरन् शाजापुर जिले की जनता ने मेरे दिल पर राज किया है और यह राज आज भी कायम है। अंत में उन्होंने अपनी कविता की पंक्ति से बात समाप्त करते हुए कहा कि अपना होश बनाए रखना, अपना जोश बनाए रखना, जब तलक जीत नहीं जाए हम, अपना आक्रोश बनाए रखना। इसके पूर्व कार्यक्रम को सपाक्स के संस्थापक अजय कुमार जैन, प्रांतीय सचिव राजीव खरे, सपाक्स पदाधिकारी पीपीसिंह, बीएम सोनी, सपाक्स समाज के प्रदेशाध्यक्ष पीएस परिहार, उज्जैन संभाग समन्वयक अशोक दुबे, प्रधानाध्यापक गजेंद्रसिंह खिंची, जॉय शर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रेखा पुरोहित ने किया एवं आभार जिला नोडल ऑफिसर सपाक्स डॉ एनएस सिकरवार ने माना।
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