शाजापुर। बच्चों! ये चीलर नदी आपको इतनी प्रदूषित दिखाई दे रही है, यह हमेशा से ऐसी नही थी। इसमें आज से लगभग 50-60 साल पहले स्वच्छ पानी कल-कल की आवाज के साथ बहता रहता था। लोग और पशु पक्षी इसके पानी का उपयोग करते थे, परन्तु हम शहरवासियों ने गंदी नालियों को मिलाकर और कूड़ा-कचरा डालकर इसको इस हालत में पहुंचा दिया है। यह बातें बुधवार को माध्यमिक विद्यालय महालक्ष्मी संस्था केे प्रधान मनोहरराय ने विद्यार्थियों को चीलर नदी के किनारे खड़े रहकर बताई। इस दौरान एक छात्रा के मुंह से अनायास ही निकल गया कि लोगों ने क्या हालत कर दी है इसकी। संस्था प्रधान श्री राय ने बताया कि विद्यालय द्वारा भ्रमण का उद्देश्य यही था कि विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति सद्भाव, सहानुभति एवं जागरूकता उपन्न हो। विद्यार्थियों ने नदी के किनारे पड़े पॉलीथिन के कचरे का अवलोकन करने पर पाया कि जिस स्थान पर पॉलीथिन पड़ी है वह जमीन बंजर हो गई है। इस मौके पर विद्यार्थियों को शपथ दिलवाई गई कि वे पॉलीथिन का उपयोग बिल्कुल नही करेंगे। साथ ही विद्यार्थियों में सर्वधर्म समभाव की भावना के विकास के लिए उन्हें प्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मुरादपुरा हनुमान मंदिर का भ्रमण भी कराया गया।
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