शनिवार, 9 मार्च 2024
पोषण पखवाड़े के शुभारंभ पर ग्रामीण महिलाओं को बताए स्वस्थ्य रहने के तरीके
शाजापुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शनिवार को पोषण पखवाड़े का शुभारम्भ समीपस्थ ग्राम पंचायत हरण गांव में किया गया। कार्यक्रम में मौजूद प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम चौहान ने बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ के तहत महिलाओं, बालिकाओं के अधिकार विषय पर चर्चा करते हुई बेटियों की सुरक्षा, स्वास्थ, पोषण पर ध्यान केंद्रित करने और लिंग भेद समाप्त करने की समझाईश दी। साथ ही सुरक्षित-असुरक्षित स्पर्श की जानकरी देते हुए पॉक्सो, ई-बॉक्स, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098, सायबर अपराध रोकथाम नंबर 1930 की जानकारी दी। उन्होने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2006 सहित अन्य महिला संबंधी कानून के बारे में बताया। उन्होने बालिकाओं को शिक्षित करने पर चर्चा की। कार्यक्रम अधिकारी नीलम चौहान ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर काम कर रही हैं। उन्होने कहा कि महिलाएं स्वयं को कमजोर न समझें और परिवार को शिक्षित करें तथा बेटा और बेटियों में भेद नही करें। वहीं पर्यवेक्षक अमिता माथुर ने महिलाओं को पोषण, स्वास्थ के बारे में बताया। उन्होने बताया कि महिलाओं का गर्भावस्था के दौरान न केवल टीकाकरण समय पर करवाएं, बल्कि पौष्टिक आहार, हरी सब्जियां, मोटे अनाज का सेवन करें ताकि गर्भवती और उसका बच्चा स्वस्थ हो। साथ ही महिलाओं से कहा कि जैसे ही बच्चे का जन्म हो तुरंत मां का दूध पिलाएं, अन्य कोई पेय पदार्थ बच्चों को किसी भी रूप में नहीं दें, क्योंकि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला टीका होता है और मां के दूध में सभी प्रकार के विटामिन्स और तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। इसलिए 6 माह तक केवल मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। कार्यक्रम में आगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों का नियमित वजन करवाने की समझाईश दी गई। इस अवसर पर महिला पंच लीलाबाई, शांताबाई, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शोभा खत्री, दीनू सौराष्ट्रीय, सहायिका एवं महिला और बच्चे उपस्थित थे। इसी तरह ग्राम उचोद में पोषण गतिविधि के साथ ही स्कूल पूर्व प्रारंभिक शिक्षा संबंधी चर्चा पर्यवेक्षक ललिता अहिरवार द्वारा की गई।
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