शाजापुर। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत महूपुरा स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार को मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ अरुण पाटीदार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ भूदेव मेहता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी मनकक्ष डॉक्टर अरुण पाटीदार ने उपस्थित महिलाओं को समस्त मानसिक रोगों की जानकारी दी। उन्होने अवसाद, एंजायटी, शिजोफ्रेनिया, साइकोसिस एस्ट्रेस आदि के लक्षणों की पहचान के प्रति जागरूक किया, ताकि समस्त मानसिक रोगियों का समय रहते इलाज प्राप्त हो सके। शिविर को संबोधित करते हुए डॉ पाटीदार ने कहा कि दुनिया चांद पर पहुंच गई है, लेकिन आधुनिकता के इस दौर में भी कुछ लोग अब तक अंधविश्वास में उलझे हुए हैं और यही कारण है कि वे मानसिक रोगी को अस्पताल लाने की बजाय झाड़-फूंक में विश्वास करते हैं। उन्होने कहा कि हमें अंधविश्वास को छोडक़र मानसिक रोगों के लक्षण को पहचानना होगा। उन्होने मानसिक रोगों के लक्षण के बारे में बताया और मौजूद महिलाओं से अपील की कि यदि किसी में मानसिक रोग के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत ही मरीज को जिला अस्पताल के मन कक्ष में आकर परामर्श तथा उचित उपचार की सलाह दें। उन्होने कहा कि मानसिक रोग और नशे की समस्या से मुक्ति संभव है। डॉ पाटीदार ने कहा कि अत्याधिक तनाव कई तरह की बीमारियों को निमंत्रण देता है, इसलिए हमें तनाव से दूर रहना चाहिए। उन्होने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान तनाव नही होता है इससे दूर रहें।
रोगी को देवता समझकर अंधविश्वास में नही उलझें
शिविर के दौरान डॉ पाटीदार ने मौजूद महिलाओं को मानसिक रोग के लक्ष्मण के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि कई बार देखने में आता है कि कोई स्वयं पर देवता आने का दावा करता है और लोग उसकी पूजा करने में जुट जाते हैं। उन्होने कहा कि ऐसे लोग मानसिक रोगी होते हैं जिन्हे उपचार देने की बजाय बढ़ावा दिया जाता है और नतीजतन अंधविश्वास की वजह से उक्त व्यक्ति स्वयं को देवता समझने लगता है। डॉ पाटीदार ने कहा कि विश्वास और अंधविश्वास में बहुत अंतर है, इसे समझें और जागरूक होने का परिचय देते हुए मानसिक रोगी का अस्पताल में इलाज कराएं, क्योंकि समय पर इलाज नही मिलने की वजह से बीमारी बढ़ती चली जाती है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
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