बुधवार, 30 जुलाई 2025
श्रद्धा, सेवा और समर्पण की मिसाल बनी त्रिनेत्र कावड़ यात्रा, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल
शाजापुर। श्रावण मास की पावन बेला में जब शिवभक्त बोल बम के जयकारों के साथ पवित्र जल लेकर बाबा महाकाल के दरबार की ओर बढ़ते हैं, तब उनके साथ होती है सिर्फ आस्था और आत्मविश्वास। ऐसी ही आस्था की एक अद्भुत मिसाल बनी त्रिनेत्र कावड़ यात्रा, जो इस वर्ष भी मझनिया गांव से बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली गई। इस यात्रा का नेतृत्व त्रिनेत्र कावड़ यात्रा महासंघ के संस्थापक प्रदीपसिंह राजपूत मझानिया ने किया। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सामाजिक सहयोग का प्रतीक बन चुकी है। उन्होने बताया कि वर्ष 2003 में मझानिया गांव से शुरू हुई यह यात्रा अब एक महासंघ का रूप ले चुकी है, जो शाजापुर सहित 5 जिलों के हजारों श्रद्धालुओं को एक सूत्र में बांधती है। शुरुआत महज 8-10 लोगों से हुई थी, जिसे अब 80 गांवों का सहयोग प्राप्त है। मंगलवार को भी सैकड़ों भक्तों का जत्था बाबा महाकाल के दर्शन लिए रवाना हुआ जो उज्जैन पहुंचकर मां कालीसिंध का जल बाबा महाकाल को अर्पित करेगा। यात्रा में महासंघ के सदस्य राजेंद्र डोडिया और धर्मेंद्र सिंह राजपूत भी शामिल रहे।
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