शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

नीलगाय एवं ब्लैकबक कैप्चर ऑपरेशन की तैयारियों का कलेक्टर ने किया अवलोकनदक्षिण अफ्रीका दल के सहयोग से 21 दिनों तक चलेगा अभियान, 100 नीलगाय एवं 400 कृष्णमृगों को पकड़ने का लक्ष्य


शाजापुर। कृषकों की फसलों को नुकसान पहंचा रहे ब्लैकबक एवं नीलगाय की वर्षों से चली आ रही समस्याओं के निदान के लिए दक्षिण अफ्रीका के सहयोग से जिले में 21 दिवसीय रोजड़े (नीलगाय) एवं ब्लैकबक कैप्चर ऑपरेशन चलाया जा रहा है। कैप्चर ऑपरेशन के लिए दक्षिण अफ्रीका के सहयोग से बोमा पद्धति द्वारा 100 नीलगाय एवं 400 कृष्णमृगों को पकड़कर गांधीसागर अभ्यारण्य एवं प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में छोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। जिले में ब्लैकबक ऑपरेशन के लिए 06 स्थलों एवं नीलगाय कैप्चर के लिए 04 स्थलों का चयन किया गया है। मुख्य वन संरक्षक उज्जैन एमआर बघेल ने बताया कि कृष्ण मृग एवं रोजड़ों के फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या के निदान के रूप में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग ने दक्षिण अफ्रीका की विशेषज्ञ कंपनी कंजर्वेशन सॉल्यूशंस के साथ एमओयू किया है। दक्षिण अफ्रीका के कंजर्वेशन सॉल्यूशन कंपनी के 15 विशेषज्ञों की टीम शाजापुर पहुंच चुकी है। कंजर्वेशन सॉल्यूशन की टीम और वन अधिकारियों ने कालापीपल तहसील के अधिक वन्य प्राणी घनत्व वाले राजस्व क्षेत्रों का दौरा किया एवं कालापीपल के समीप इमलीखेड़ा गांव में एक स्थल का चयन कर बोमा लगाने की कार्रवाई की गई। शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना ने अन्य प्रशासकीय अमले के साथ बोमा लगाने की कार्रवाई एवं अन्य तैयारियो का अवलोकन किया। कलेक्टर ने आगामी दिवसों में राजस्व क्षेत्र में वन्य प्राणी पकड़ने की कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन के समस्त अमले के पूरे सहयोग का आश्वासन भी दिया। साथ ही उन्होने समीप के ग्राम वासियों एवं आम नागरिकों से अपील की कि उक्त कार्य अत्यंत संवेदनशील है और वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा आम नागरिकों विशेष कर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जब वन्य प्राणियों को पकड़ने की कार्रवाई की जा रही हो तो ग्रामीण उक्तस्थल जहां बोमा लगा है उसके आसपास ना जाएं।

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